गाजीपुर। समाजसेवी विवेक कुमार सिंह शम्मी ने स्वकर प्रणाली को लेकर मांगी गई आपत्तियों के संदर्भ में पत्रकारों से बातचीत किया। शम्मी सिंह ने बताया कि बसपा सरकार द्वारा स्वकर प्रणाली को लेकर जारी किए गए गजट के संदर्भ में नगर पालिका गाजीपुर द्वारा 2012 में ही यह प्रणाली लागू की जा चुकी है। जिसका टैक्स भी यहां के लोग भर रहे हैं, क्योंकि उस समय के टैक्स स्लैब के हिसाब से जनता पर टैक्स का अनर्गल भरा पड़ा हुआ था। जिसका विरोध लगातार 10 सालों तक तमाम समाजसेवी संगठनों तथा जनता ने किया। इसके बाद चुनावी लाभ लेने के लिए वर्तमान चेयरमैन ने नगर पालिका के लिए शासनादेश में संशोधन कराकर 50% छूट का ऐलान किया था। यह भी वादा किया था कि जिन लोगों ने ज्यादा टैक्स जमा किया है उन सभी लोगों का टैक्स आने वाले वर्षों में समायोजित कर दिया जाएगा। वर्तमान स्थिति में अब तक किसी का भी पैसा समायोजित नहीं हो पाया है। तब तक वर्तमान सरकार द्वारा फिर से पूरे प्रदेश में स्वकर प्रणाली लागू करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया। श्री सिंह ने कहा कि एक ही शहर में एक ही कानून दो बार नहीं लागू किया जा सकता। गाजीपुर नगर पालिका परिषद में पहले से ही स्वकर प्रणाली लागू है। जनपद में नगर पालिका परिषद गाजीपुर को छोड़कर जहां यह प्रणाली कहीं लागू नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो यह शासनादेश आया है तथा नगर पालिका परिषद द्वारा जो विज्ञापन दिया गया है, उसमें तमाम खामियां हैं। जिसकी वजह से गाजीपुर नगर पालिका की गरीब जनता पर टैक्स का बोझ अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि 2012 के शासनादेश में सड़कों का वर्गीकरण 0 से 01 मीटर, एक से तीन मीटर तथा तीन से 10 मी0 किया गया था। जिसमें शहर के 100% आबादी आ जाती थी। परंतु इस बार का जो विज्ञापन स्वकर को लेकर नगर पालिका द्वारा दिया गया है, उसमें सीधा-सीधा 9 मीटर तक की सड़कों पर रहने वाले लोगों को एक ही टैक्स स्लैब देने का प्रावधान किया गया है, जोकि सरासर गलत है। वर्तमान विज्ञापन में भी सड़कों का वर्गीकरण किया जाना चाहिए था, 0 से 01 मीटर 15 पैसा, 1 मीटर से 3 मीटर तक 25 पैसा तथा 3 मीटर से 9 मीटर तक के रोड पर रहने वाले लोगों से 40 पैसा प्रति वर्ग फुट टैक्स लेने का प्रावधान करना चाहिए।