गाजीपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 14 दिसंबर को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ पीठासीन अधिकारी एमएसीटी. संजय हरिशुक्ला एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम ने प्रजव्वलित कर किया। । पीठासीन अधिकारी एमएसीटी. संजय हरिशुक्ला ने लोक अदालत के सफलता के लिए सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया। इस मौके पर प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम ने कहा कि लोक अदालत वर्षों से लम्बित मामलों के त्वरित निस्तारण का एक महत्वपूर्ण साधन है। ऐसे छोटे प्रकरण जिसमें अनावश्यक रुप से मुकदमेबाजी के कारण पक्षकारो के मध्य वैमन्यस्ता विद्यमान रहती है, को समाप्त कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में लोक अदालत द्वारा अपनी सक्रीय भूमिका निभायी जा रही है। राष्ट्रीय लोक अदालत में पेंशन शिविर का भी आयोजन किया गया है।
जिसका शुभारम्भ पीठासीन अधिकारी एम.ए.सी.टी. संजय हरिशुक्ला एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम ने फीता काटकर किया। शिविर में वृद्धा पेशन, दिव्यांग पेशन एवं विधवा पेशन में जिन पात्र व्यक्तियों को कोई कठिनाई आ रही है, उसके समाधान हेतु सम्बंधित विभागों के अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित रहे। पेंशन शिविर में दूरस्थ क्षेत्रों से आये हुए व्यक्तियों ने लाभ उठाया। राकेश कुमार- सेवेन नोडल अधिकारी, लोक अदालत एवं विजय कुमार-चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर सचिव ने बताया कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रान्ति आई है और लोगो में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। उन्होने सामान्य अदालत एवं लोक अदालत में अन्तर को विस्तार से बताया । इस अवसर पर अलख कुमारए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी0, स्वप्न आनंद, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण तथा अध्यक्ष सिविल बार एसोसिएशन, व न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। राश्ट्रीय लोक अदालत में कुल 116186 मामले निस्तारण हेतु नियत किये गये थे, जिसमें से सुलह समझौतें एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 106152 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गये। राजस्व विभाग के मामले, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 32192 मामले तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 73960 मामले निस्तारित किये गये।