गाजीपुर। सिटी स्टेशन और गाजीपुर घाट स्टेशन के मध्य 16 सितंबर की रात किमी 126/31 के पास गाड़ी संख्या 12561 के इंजन से ट्रैक पर पड़े लकड़ी का टुकड़ा टकराने के कारण इंजन का पाइप फट गया था। इस संबंध में कोतवाली मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस घटना के बाद रेलवे और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। घटना के बाद एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, सीओ सुधाकर पांडेय, कोतवाली प्रभारी दीनदयाल पांडेय तथा आरपीएफ प्रभारी अमित राय रात में रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किये । लगातार आरपीएफ टीम रेलवे ट्रैक पर निरीक्षण कर रही थी। 18 सितंबर को एएसआई जितेंद्र कुमार सिंह,कांस्टेबल तीर्थराज यादव, कांस्टेबल दुष्यंत सिंह गाजीपुर सिटी ,उप निरीक्षक हरिश्चंद्र तथा सदर कोतवाली के उप निरीक्षक सुनील कुमार सिंह पुलिस कर्मियों के साथ जब ट्रैक निगरानी करते हुए आरओबी के करीब पहुंचे। इसी बीच पुल के ऊपर झाड़ी में किसी के आने का आहट सुनाई दी। पुलिस टीम उसे देखने के लिए गयी तो एक व्यक्ति अपने हाथ में लकड़ी का गुटका लेकर पुल से उतरकर रेलवे ट्रैक की ओर जाते दिखा। आरपीएफ टीम घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। उसे पकड़कर कोतवाली लाया गया। पुलिस के पूछताछ करने पर उसने अपना नाम सुहवल निवासी आशीष गुप्ता बताया। पूछने पर उसने बताया कि उसकी पत्नी और बच्चे चार साल से छोड़ कर चले गये हैं। इसके चलते रात भर सो नहीं पाता है। उसने बताया कि वह स्मैक लेने का आदि है। इसलिए रात को घूमता रहता हूं। कभी कभी तो लोग रात में चोर चोर बोलकर दौड़ा लेते है। इसके चलते काफी समय से अपना ठिकाना ब्रिज के नीचे ही बना रखा है। देर रात तक घूमने के बाद अक्सर आकर यही रात में पूल के नीचे नशा करते हैं। लकड़ी लेने के बाबत बताया कि ऊपर ही लकड़ी का ढेर है आते समय उसमें से एक उठा लेता हूं ताकि कोई जानवर आदि आता है तो भागा सके। वहां से जाते समय लकड़ी ले जाकर जहां से उठता हूं उसी ढेर पर फेंक देता हूं। 16 नवंबरकी घटना के बाबत पूछने पर बताया कि वह उस दिन भी एक लकड़ी के साथ वहा मौजूद था लेकिन ज्यादा नशा होने कारण उस लकड़ी को रेलवे लाइन पर छोड़कर चला गया था। उसकी तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एक चिलम और 140 रुपया बरामद हुआ ।