मतदान भी दान है, इसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता और धैर्य की आवश्यकता हैः ओमपाल

 मतदान भी दान है, इसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता और धैर्य की आवश्यकता हैः ओमपाल

गाजीपुर। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा माधव सरस्वती विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल के सभागार में “लोकमत एवं मतदाता” के संदर्भ में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता कुटुम्ब प्रबोधन उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड तथा पूर्व राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रभारी ओमपाल सिंह थे उन्होने कहा कि मतदान भी दान है, इसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता और धैर्य की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की ऋषि संस्कृति और कृषि संस्कृति का सिंहावलोकन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय तपती दुपहरी में घर बैठने का नहीं है अपितु अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जनता से संपर्क कर अधिक से अधिक मतदान करने के लक्ष्य को प्राप्त कराना है, जिससे राष्ट्र मंदिर का पुनर्निर्माण हो सके।संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर दीनानाथ सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि कर्म से बड़ा कोई तप नहीं है और राष्ट्र निर्वाध रूप से प्रगति पथ पर चलता रहे। इसके लिए अधिक से अधिक मतदान जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज भारत के चुनाव पर संपूर्ण विश्व की नजर है, और हम प्रबुद्ध वर्ग को ही मतदाता के बीच में जाकर के राष्ट्रवाद के भाव जगाने पड़ेंगे। अंत में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् से कार्यक्रम का समापन हुआ। संगोष्ठी में डॉ० हरिहर प्रसाद सिंह, डॉ० जगदीश सिंह दीक्षित, जिलाध्यक्ष डॉ० राजेश सिंह सूर्यवंशी महामंत्री, रामाशीष शर्मा, संगठन मंत्री प्रदीप सिंह, हिमांशु अग्रवाल, संदीप शर्मा, चंद्रकांत जी, अवधेश सिंह, आयुष सिंह, रमा त्रिपाठी, गायत्री राय, शिल्पी राय, प्रवीण राय, प्रफुल्ल राय, हरिवंश दुबे, राजेश दुबे, मनोज, राजकुमार, गोरखनाथ आदि प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संचालन विपिन सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया।

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