गाजीपुर। साहित्य चेतना समाज’ की ओर से ‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के तहत गंगाप्रसाद रामप्रसाद इण्टर कॉलेज रूहीपुर के प्रबन्धक रामवृक्ष यादव के नगर के तिलक नगर स्थित आवास पर एक काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्य चेतना समाज’ के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने कहा कि चेतना-प्रवाह का मूल उद्देश्य सद् साहित्य के प्रति जन-जन में एक सार्थक जागृति पैदा करना है। सोये हुए समाज को जगाने में साहित्य की महती भूमिका होती है इसलिए हमें वर्तमान समय में सार्थक साहित्य के प्रति सचेतन रहने की आवश्यकता है युवा कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने अपनी कविता “आओ चलो अब ख़ुद में जीलें/दिन जो बचे दो-चार” सुनाकर श्रोताओं की प्रशंसा अर्जित की। युवा नवगीतकार डा.अक्षय पाण्डेय ने देश में वोट की राजनीति को केंद्र में रखते हुए अपना ‘किसको दूं मैं वोट’ शीर्षक नवगीत “तलघर में गहरी सुरंग है / क्या होगा तालों से/कुछ भी बचता नहीं यहां पर / बड़े पेट वालों से/मची हुई है छीना-झपटी/पूरी लूट-खसोट/होरी सोच रहा है मन में/किसको दूं मैं वोट”सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए तालियां बजाने के लिए विवश किया। कवि दिनेश चंद्र शर्मा ने “आग नफरत की तुम तो जलाते रहे/लोग आते रहे और जाते रहे”सुनाकर श्रोताओं खूब तालियां बटोरी। इस काव्य गोष्ठी में संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी, प्रधानाचार्य अशोक पाण्डेय, डॉ.सुमेर कुशवाहा,नगीना पाण्डेय,अजय सिंह, अरविन्द सिंह, वसन्त सिंह यादव आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता बटुक नारायण मिश्र एवं संचालन विजय कुमार मधुरेश ने किया।