संस्कृति और परंपरा हमारी अमूल्य धरोहर हैः पूजा

 संस्कृति और परंपरा हमारी अमूल्य धरोहर हैः पूजा

सादात(गाजीपुर)। नवरात्र में आदिशक्ति देवी दुर्गा की आराधना के महापर्व का उमंग हर तरफ छाया हुआ है। ऐसे में सादात विकास खंड के कम्पोजिट विद्यालय जगदीशपुर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने शनिवार को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांधने का काम किया। बच्चों ने देवी दुर्गा के भजनों की मधुर प्रस्तुति से तालियां बटोरी तो ‘अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते और अम्बे चरण कमल हैं तेरे… दुर्गा अमृतवाणी व अन्य भक्ति गीतों की प्रस्तुति से उपस्थित लोगों की वाहवाही बटोरी। बच्चों ने डांडिया भी खेला। सहायक अध्यापिका पूजा त्रिपाठी ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों का गरबा और डांडिया नृत्य के साथ-साथ महिषासुर-मर्दन व नारी-शक्ति का सुंदर चित्रण किया। सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र देवी दुर्गा के नौ रूपों पर आधारित बच्चों द्वारा प्रस्तुति और दस मुखों का मुखौटा लगाये रावण ने सभी लोगों का मन मोह लिया। कहा कि संस्कृति और परंपरा हमारी अमूल्य धरोहर है। इस तरह का आयोजन बच्चों में कलात्मक प्रतिभा का निखार लाने के साथ-साथ उन्हें अपनी परंपरा-संस्कृति से भी जोड़े रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। बताया कि रंग-बिरंगे परिधानों में सजे नन्हे विद्यार्थियों की रूप-सज्जा, भाव-भंगिमा, और अपनी बेहतरीन अदाकारी से उनकी कुशल प्रतिभा का उदाहरण दिया। अंत में राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन किया गया।

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