अयोध्या राज को ठुकराकर वन के लिए प्रस्थान किए श्री राम
—अतिप्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की रामलीला
गाजीपुर। अतिप्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वावधान में सोमवार की रात श्रीराम वन गमन की शोभा यात्रा की लीला का मंचन किया गया। इसे देख दर्शकों की आंखें छलछला गई।
लीला में दिखाया गया कि श्री राम ने पिता महाराज दशरथ के वचन को पूरा करने के लिए माता कैकेयी द्वारा मांगे गए वरदान को स्वीकार करते हुए अयोध्या के राज को ठुकराकर अपनी भार्या सीता जी, भाई लक्ष्मण के साथ गुरू वशिष्ठ के आश्रम पहुंचते है।
उन्हें दण्डवत कर अयोध्या राज पर कृपा दृष्टि बनाए रखने का निवेदन कर रथ पर सवार होकर वन प्रदेश के लिए प्रस्थान करते है। उनके रथ के पीछे पूरे अयोध्या वासी पैदल ही चल देते हैं। श्रीराम के मना करने पर नहीं मानते हैं, उनके विचार में एक ही बात रही, जहां श्रीराम हैं, वही अयोध्या नगरी है।
बाजे-गाजे के साथ दाऊ दयाल जी के मंदिर, महाजन टोली, झुन्नू लाल चौराहा, परसपुरा, आमघाट, राजकीय महाविद्यालय, ददरीघाट चौराहा, महुआबाग चौक होते हुए श्री राम का रथ तथा पहाड़ खां पोखरा स्थित श्रीराम जानकी मंदिर पर पहुंचकर लीला सम्पन्न हुआ। वनवास के दृश्य को देखकर दर्शकों की आंखो से आंसू छलक पड़े। रामलीला कमेटी की तरफ श्रीराम के रथ को आकर्षक ढंग से सजाया गया था तथा रास्ते पर भजन-कीर्तन करते हुए श्रीराम को वन के लिए विदा किया।
जिधर से राम का रथ निकला, लोग अपने दरवाजे से तथा छतो से उनके ऊपर फूलों की वर्षा करते रहे तथा उनके रथ को रोकवाकर महिला-पुरूष द्वारा भगवान श्रीराम की आरती उतारी गई। इस अवसर पर मंत्री ओमप्रकाश तिवारी बच्चा, उप मंत्री लव कुमार त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष रोहित कुमार अग्रवाल, प्रबंधक वीरेश राम वर्मा, उप प्रबंधक मयंक तिवारी, अजय कुमार पाठक, बांके तिवारी, योगेश कुमार वर्मा एडवोकेट, सरदार चरनजीत सिंह, मनोज तिवारी, वरूण कुमार अग्रवाल, रामसिंह यादव, राजकुमार शर्मा, कुशकुमार त्रिवेदी, विश्वम्भर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।