गाजीपुर। नवरात्र की अष्टमी पर गुरुवार को शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित पूजा पंडालों में शक्ति की आराधना की दिन भर धूम मची रही। शाम होते ही पंडालों में स्थापित देवी के दर्शन-पूजन का जो सिलसिला शुरू हुआ वह देर रात तक चलता रहा। जगतजननी के दर्शन कर लोग निहाल हो गए। शाम को होने वाली आरती भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। पांडालों के आसपास सजे रंग-बिरंगी झालरे अलग छंटा बिखेर रही थी।
सप्तमी के दिन पांडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजन-अर्चन का कार्य प्रारंभ हो गया। हालांकि शाम को दर्शन-पूजन करने वालों की संख्या में काफी कमी रही, लेकिन अष्टमी के दिन शाम पांच बजे के बाद से ही मां के दर्शन के लिए लोगों के घरों से निकलने का क्रम शुरु हो गया।
नौ बजते-बजते शहर की प्राय: सभी सड़कें श्रद्धालुओं से पट गई। शहर उर्दू बाजार, नवाबगंज, टेढ़ीबाजार, चीतनाथ, स्टीमरघाट, रायगंज, लालदरवाजा, मिश्रबाजार, महुआबाग, ददरीघाट, झुन्नूलाल का चौराहा, महाजनटोली, रेलवे स्टेशन, लंका मैदान , नवापुरा, सकलेनाबाद आदि मुहल्लों में बनाए गए पूजा पांडालों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। इसी तरह की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी रही। पूजा पांडालों में ढोल-नगाड़े और साउंडों पर बज रहे देवी गीत से आसपास का माहौल पूरी तरह देवीमय बना रहा।