नये कानून को लेकर कार्यशाला

 नये कानून को लेकर कार्यशाला

रेवतीपुर (गाजीपुर)। स्थानीय थाना परिसर में शनिवार को पहली जुलाई से लागू होने वाले नये क़ानून एवं धाराओं को लेकर एसपी ओंमवीर सिंह के निर्देश पर थानाध्यक्ष राजीव त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों की एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया। नये कानून को‌ लेकर कार्यशाला में थानाध्यक्ष राजीव त्रिपाठी ने अपने मातहतों को एक जुलाई से परिवर्तित नये कानूनों के अन्तर्गत पुरानी धाराओ में किये गये सशोंधनों और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनमें जोड़ी गई नई धाराओं के सम्बंध में जानकारी प्रदान किया। थानाध्यक्ष ने परिवर्तित कानूनों का पुलिसिंग के साथ-साथ न्यायालय के विचारण पर पडने वाले प्रभावों के सम्बन्ध व उनके प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भी जानकारी दी। थानाध्यक्ष ने कहा कि नया कानून और धाराएं दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है। उन्होंने कहा कि इस नये कानून के व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत है। उन्होने बताया कि सभी प्रकार के सामूहिक दुष्कर्म के लिए सजा 20 साल या आजीवन कारावास।नाबालिग से दुष्कर्म की सजा में मौत की सजा शामिल है। यह बदलाव  मुख्य रूप से अपराधी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए किया जा रहा है। कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है। थानाध्यक्ष ने कहा कि आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड ( सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होंगे। कहा कि नए कानून के बाद हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 ,151 अब 170 आदि धाराएं परिवर्तित की गई है। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।

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