काव्य-संग्रह ‘शहर सो रहे हैं’ का लोकार्पण

 काव्य-संग्रह ‘शहर सो रहे हैं’ का लोकार्पण

गाजीपुर।साहित्य चेतना समाज की ओर से कवि हरिनारायण हरीश के नारी-विमर्श पर आधारित काव्य-संग्रह ‘शहर सो रहे हैं’ का लोकार्पण कान्हा हवेली’ सभागार में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री सृष्टिराज के सरस वाणी-वंदना से हुआ। पुस्तक लोकार्पण के उपरान्त कवि हरिनारायण हरीश ने अपनी रचना-प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविताओं का वाचन किया। पुस्तक पर परिचर्चा के क्रम में इस पुस्तक की प्रेरणा स्रोत रही हरीश की पुत्री स्मिता मुकेश सिंह ने संग्रह की प्रथम कविता ‘एक सार्थक सवाल’ का भावपूर्ण वाचन किया। इसके बाद नवगीतकार डॉ.अक्षय पाण्डेय ने पुस्तक-प्रकाशन हेतु कवि को बधाई के साथ काव्य-संग्रह का आधारभूत परिचय देते हुए इसमें संगृहीत कविताओं को नारी-विमर्श के विविध आयामों को प्रकाशित करने वाली श्रेष्ठ समकालीन कविताओं की शोधपरक कृति कहा साथ ही नारी-विमर्श पर केंद्रित अपने नवगीत “आधी बन्द किये है/आधी खुली हुई है खिड़की/आसमान में उड़ती चिड़िया/देख रही है लड़की” का सस्वर वाचन किया। ‘हिन्दी श्री’ संस्था के संस्थापक एवं इस काव्य-संग्रह के प्रकाशक कवि आनन्द अमित ने काव्यकृति के प्रकाशन पर शुभकामनाओं के साथ वर्तमान समय में इस कृति की महत्ता को रेखांकित किया। हरीश जी को ‘हिन्दी श्री’ सम्मान से अलंकृत करते हुए कहा कि हरीश जी को अलंकृत करने से हरीश जी की नहीं बल्कि इस अलंकार की महत्ता बढ़ती है। मुख्य अतिथि वरिष्ठ नवगीतकार ओमधीरज ने इन कविताओं में विषय-वैविध्य एवं विमर्ष-वैविध्य को दर्शाते हुए कविताओं की गहरी अर्थ-व्यंजकता की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। साथ ही कविताओं में शब्दों के सुगठन एवं संयोजन की प्रशंसा की। डा.संतोष कुमार तिवारी, डॉ.संतोष कुमार सिंह, डॉ.अमरनाथ राय, डॉ.श्रीकान्त पाण्डेय एवं संजीव गुप्त ने कृति-प्रकाशन पर कवि को बधाई देते हुए पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए।अन्त में इस पुस्तक-विमोचन एवं परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि यशवन्त सिंह ‘यश’ ने कहा कि इस कृति में संगृहीत कविताओं की अर्थवत्ता,सरसता,सहजता और सरलता जैसे गुण-धर्म इस संग्रह को सार्थक एवं श्रेष्ठ बना रहे हैं।अतिथियों का स्वागत संस्था के अध्यक्ष डा. रविनन्दन वर्मा, उपाध्यक्ष संजीव गुप्त, सचिव हीरा राम गुप्ता, संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी, राजीव मिश्रा एवं शशिकान्त राय ने माल्यार्पण कर व अंगवगतम् प्रदान कर किया। कार्यक्रम में डा. पारस नाथ सिंह, डॉ. कन्हैया तिवारी, संगीता तिवारी, आनन्द अग्रवाल, रागिनी प्रभाकर, विपिन विहारी राय, अनामिका, मंजू हरीश, वीरेंद्र चौबे आलोक राय,पूजा राय, अनुश्री, आशुतोष श्रीवास्तव,डा.बालेश्वर विक्रम आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि यशवन्त सिंह ‘यश’ एवं संचालन डॉ.ऋचा राय ने किया।अन्त में साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने समस्त वक्ता,कवि गण एवं आगंतुक श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page