मंत्र की साधना से असंभव कार्य संभव हो सकते हैंः भवानी नंदन यति

 मंत्र की साधना से असंभव कार्य संभव हो सकते हैंः भवानी नंदन यति

गाजीपुर‌। वासंतिक नवरात्र पर अति प्राचीन मां काली धाम हरिहरपुर में शत चण्डी महायज्ञ, वैदिक धर्माचार्यों के मंत्रोच्चार एवं हवन पूजन के बीच विधि विधान से सम्पादित हो रहा है। प्रातः काल से ही श्रद्धालु जन मंदिर में स्थापित माता की तीनों मूर्तियां का पूजन अर्चन तथा यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर अपने को धन्य कर रहे हैं। प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा के रूप में संचालित इस पवित्र धाम पर,प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्‍वर महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति महाराज के निर्देशन में सम्पादित हो रहे महायज्ञ के मुख्य यजमान अस्ट्रेलिया में रहे प्रसिद्धअस्थि विशेषज्ञ
डॉक्टर सतीश गोयल एवं उनकी पत्नी विद्या गोयल हैं। पत्रकार वार्ता में भवानी नंदन यति ने कहा किअयोध्‍या में नवनिर्मित भव्‍य श्रीराम मंदिर की ही तरह हरिहरपुर के इस काली धाम में भी मां काली का दिव्‍य मंदिर बनेगा। खड़बा क्षेत्र के गांवों की कुल देवी का यह जागृत मन्दिर हजारों वर्ष प्राचीन है। इस मंदिर को नवीन रूप दिए जाने की कार्य योजना अब अंतिम चरण में है। उन्होने मंत्रों में स्थित शक्तियों का वर्णन करते हुए कि सनातन धर्म में ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश का पूजन किया जाता है जिसने विश्‍व की संरचना की है और वर्तमान युग में वैज्ञानिक समस्त सृष्टि को न्‍यूट्रान, प्रोट्रान और इलेक्‍ट्रान से संचालित मानते हैं।उन्‍होने कहा कि सनातनी परम्‍परा में मंत्र की असीम शक्तियों का वर्णन है। मंत्र की साधना से आज भी असंभव कार्य संभव हो सकते हैं और आपकी इच्‍छा की पूर्ति हो सकती है। मंत्र के बल पर ही महाराजा दशरथ ने श्रीराम जैसा पुत्र प्राप्‍त किया। श्रीराम जैसा पुत्र आज तक दूसरा नहीं हुआ‌। धन वैभव प्राप्ति के लिए उन्होंने कहा कि श्री शुक्त स्त्रोत के एक करोड़ बार जाप करने से व्‍यक्ति को कभी धन सम्‍पदा की कमी नहीं हो सकती।अपने को पूर्ण सन्‍यासी बताते हुए कहा कि मैं सन्‍यासी परम्परा के लिए निर्धारित नियमावली के अनुरूप जीवन यापन करता हूं। मैं अत्यंत भाग्‍यशाली हूं कि गाजीपुर मेरी कर्मस्‍थली हैं। उन्‍होने चुनौती पूर्ण शब्दों में कहा कि सरकार मुझे कोई भी मुश्किल काम सौंप दें, मैं मंत्र के बल पर सफलता पूर्वक पूर्ण करुंगा। कहा कि देश की सुख-समृद्धि के लिए मैं सदैव नवरात्र में मां काली का पूजन-अर्चन करता हूं इससे जीवन में नयी चेतना का संचार होता है।

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