प्राणनाथ के लिए प्राणप्रिये ने रखा निर्जला व्रत

 प्राणनाथ के लिए प्राणप्रिये ने रखा निर्जला व्रत

— जिले में पारंपरिक ढंग से मनाया गया हरतालिका तीज का पर्व

गाजीपुर। पति की रक्षा तथा दीर्घायु जीवन की कामना को लेकर किया जाने वाला हरतालिका तीज का पर्व मंगलवार को परंपरा तथा उत्साह के साथ इस पर्व को मनाया गया। दिनभर निर्जला व्रत के बीच व्रती महिलाओं ने गंगा और घरों पर स्नान के घरों और मंदिरों तीज कथा का श्रवण कर ब्राह्मणों को दान-पुण्य किया।

पर्व को लेकर व्रत रखने वाली महिलाओं में काफी उत्साह रहा। पिछले कई दिनों से वह पर्व की तैयारियों में जुटी हुई थी। उनकी तरफ से नए कपड़े के साथ ब्राह्मण को दान देने वाले सामानों की खरीदारी पर्व से एक दिन पूर्व ही कर ली गई थी। इसके साथ ही सुहागिनों ने पर्व से एक दिन पूर्व घर के साथ ही ब्यूटी पार्लरों में जाकर हाथेलियों पर आकर्षक मेंहदी रचाई। मंगलवार की भोर से ही सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखा। दोपहर बाद से व्रती महिलाओं का शहर के विभिन्न घाटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। हालांकि गंगा में बाढ़ आने की वजह से अधिकांश महिलाओं ने घरों पर स्नान किया। इसके बाद गंगा घाटों, घरों तथा मंदिरों में ब्राह्मणों की ओर से तीज व्रत के कथा का वाचन किया गया। कथा को महिलाओं ने ध्यान से सुना। कथा श्रवण के बाद दान-पुण्य किया। शाम को सुहागिनों ने नया परिधान पहनने के साथ विशेष श्रृंगार किया। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्व को लेकर सुहागिनों में उत्साह रहा है। तीज का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। व्रती महिलाओं ने शाम को पूजन-अर्चन कर पति के शुख-समृद्धि के साथ ही उनके दीर्घायु होने की कामना की। पर्व को लेकर घरों उत्साह का वातावरण रहा। मालूम हो कि सुहाग की रक्षा तथा दीर्घायु की कामना को लेकर सौभाग्यवती महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं। इसमें महिलाएं निर्जला व्रत रहकर पूजा-पाठ करती हैं। शाम के समय स्नान के बाद सोलहों श्रृंगार कर भगवान शिव की अराधना कर पति के शुभ की कामना करती हैं।

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