बाढ़ को लेकर प्रशासन चौकन्ना, की नाव की व्यवस्था

 बाढ़ को लेकर प्रशासन चौकन्ना, की नाव की व्यवस्था

सेवराई (गाजीपुर)। स्थानीय तहसील क्षेत्र में गंगा नदी आई बढ़ की वजह से पीड़ितों ने पलायन शुरु किया गया। तटवर्ती गावों के पीड़ितों ने अपना आशियाना छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना शुरु कर दिया है। प्रशासन के स्तर से लोगों को आवागमन के लिए प्रत्येक गांव में दो नावों की व्यवस्था की गई है। बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है।
मालूम हो कि रविवार की सुबह 10 बजे तक गंगा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। दोपहर 12 बजे तक जलस्तर 64.010 मीटर था। वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से ऊपर चल रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन द्वारा लोगों सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए आगाह किया जा रहा है। सभी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लेखपाल, कोटेदार के साथ ही बीट के सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ आपदा में राहत कार्य के लिए सेवराई तहसील प्रशासन द्वारा दो बाढ़ राहत केंद्र, 7 राहत कैंप और 15 बाढ़ चौकी बनाई गई है, जहां 24 घंटे 7 दिन शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। दोनों राहत केंद्र की जिम्मेदारी बीडीओ भदौरा और रेवतीपुर को दी गई है। इनके द्वारा बाढ़ राहत केंद्र से राहत कार्य की सारी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। ज्ञात हो कि सेवराई तहसील क्षेत्र के कुल 52 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 21 गांव गैर आबादी वाले हैं, जहा बाढ़ से आबादी प्रभावित नहीं है। वही 31 आबादी वाले गांव हैं। इसमें 18 गांव की आबादी बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित है। प्रशासन की तरफ से बाढ़ आपदा राहत के लिए 22 मझली तो 16 बड़ी नाव की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। आपात काल में रेस्क्यू के लिए पीएसी की आपदा प्रबंधन बल दोनों बाढ़ कैम्प पर मौजूद है। प्रारंभिक तौर पर जनपद में करीब दो हजार राहत पैकेट तैयार कराए गए हैं। विषम परिस्थिति एवं जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार जनपद के संबंधित अति प्रभावित क्षेत्रों में इसका वितरण किया जाएगा।

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