पतित पावनी लाल निशान के पार, कई गांव प्रभावित

 पतित पावनी लाल निशान के पार, कई गांव प्रभावित

—तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जारी है जलस्तर में वृद्धि
—बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों ने शुरु किया पलायन
—डीएम सहित अन्य अधिकारी लगातार ले रहे बाढ़ का जायजा

गाजीपुर। अखिरकार शुक्रवार की भोर में पतित पावनी ने खतरा का निशान पार कर ही लिया। तीसरे दिन लगातार गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी रहा। तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा। ग्रामीण क्षेत्रों के कई सड़कों जहां बाढ़ के पानी में डूब गई, वहीं दर्जनों गांव भी प्रभावित है। बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी एमपी सिंह एक तरफ जहां लगातार संबंधित अधिकारियों संग बैठक कर बाढ़ के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

वहीं अधिकारियों संग लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों से बाढ़ चौकियों सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग की माने तो अभी जलस्तर में बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी रहेगा।

मालूम हो कि ढोलपुर डैम एवं माता टाला डैम से क्रमशः 18,31,587 क्यूसेक एंव 384,954 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में तीन दिनों से वृद्धि का क्रम जारी है। गुरुवार को कभी 4, कभी 3 कभी 2 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी रहा। शाम 6 बजे 62.860 मीटर दर्ज किया गया था।

शुक्रवार की भोर में गंगा खतरा के निशान को पार कर गई। सेवराई तहसील के कई इलाकों मार्ग बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब गए। इसके साथ जिले के अन्य कई ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए है। तमाम किसानों की चरी सहित अन्य फसलें पानी में डूब गई है।

बाढ़ के पानी के बीच किसान आनन-फानन में फसलों को काटने में जुटे हुए है। सैदपुर के इलाके मौधा, तेतारपुर सहित अन्य कई गांव भी बाढ़ की जद में आ आए गए है। प्रभावित लोगों ने सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरु कर दिया है।

जलस्तर में इसी तरह से वृद्धि जारी रही तो जल्द ही नाला के माध्यम शहर के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएगा। बाढ़ को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी लगातार संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के साथ ही जिले के अन्य अधिकारियों को लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्देश जारी किया है। गंगा का रौद्र रूप देख तटवर्ती इलाकों के लोगों के माथे पर बल पड़ने लगा है।

इस संबंध में केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी मो. मेराजुद्दीन ने बताया कि शुक्रवार को भी गंगा के जलस्तर में बढ़ाव क्रम जारी है। भोर में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई। 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि 63.105 खतरा बिंदू है। दिन में 2 बजे 63.380 जलस्तर दर्ज किया गया। बताया कि जलस्तर में बढ़ाव का क्रम अभी जारी रहेगा।

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