गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की रामलीला लंका मैदान में शेवरी का फल खाना, हनुमान राम मिलन और सुग्रीव से राम की मित्रता के लीला का मंचन हुआ। बंदे बाणी विनायक आदर्श श्री रामलीला मंडल के कलाकारों ने शेवरी के फल खाने का मंचन किया। लीला में जब श्री राम सीता की खोज करते हुए वन में पशु पक्षियों से पूछते हैं कि हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी तुम देखी सीता मृग नैनी विलाप करते हुए श्री राम भक्त शेबरी के आश्रम पहुंचते हैं। शेवरी प्रभु श्री राम को देखते ही भाव विभोर होकर उनके चरणों में गिर पड़ती है। इसके बाद वह बगीचे में जाकर सुंदर मीठे कंदमूल फल लाकर चख चख कर प्रभु को समर्पित कर देती है। प्रभु श्री राम ने उसके भावनाओं का आदर करते हुए उसके द्वारा दिए जूठे कंदमूल फल को आनंद से ग्रहण करते हैं, वहीं लक्ष्मण शेवरी द्वारा दिए गए फल को फेक देते हैं। फल खाने के बाद प्रभु ने शबरी के भक्ति से खुश होकर नवधा भक्ति के बारे में बताते हैं कि, प्रथम भक्ति संतन कर संगा। दूसर मम निज कथा प्रसंगा। इस तरह नवधा भक्ति का वरदान देकर प्रभु श्री राम अपनी पत्नी सीता के हरण की बात शेबरी को बताते हैं। प्रभु आप किष्किंधा पर्वत पर जाएं, जहां बानरों के राजा सुग्रीव अपने भाई बाली के डर से छुप कर रहते हैं। आप उनसे मित्रता करें। वे अपने बानरी सेनाओ आपका मदद अवश्य करेंगे। शेवरी के बात को मानकर प्रभु श्री राम किष्किंधा पर्वत के लिए प्रस्थान कर देते हैं। श्री राम चलते चलते किष्किंधा पर्वत पर पहुंचे जहां श्री हनुमान से मिलन होता है। हनुमान ने श्री राम का परिचय पूछने के बाद दोनों भाई श्री राम लक्ष्मण को अपने कंधे पर बिठाकर महाराज सुग्रीव से मिलवाते हैं वही श्री राम और सुग्रीव से मित्रता होती है। इस मौके पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उप मंत्री लव कुमार त्रिवेदी, मेला प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, उप प्रबंधक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष बाबू रोहित अग्रवाल, आनंद तिवारी आदि उपस्थित रहे।