कालीचरण ने फिर बदला राजनीतिक पता
गाजीपुर। विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा तो नहीं हुई। लेकिन प्रायः सभी पार्टियों इसकी शोर सुनाई देने लगी है। छोटे नेताओं-कार्यकर्ताओं की कौन कहे, वर्तमान और पूर्व विधायकों ने भी पाला बदलते हुए सियासत को गर्म करना शुरु कर दिया है।
राजभर समाज के बड़े नेता कालीचरण राजभर 1986 से बहुजन समाज पार्टी से जुड़कर सच्चे सिपाही के रूप में काम करते रहे हैं। वह दो बार जहूराबाद से विधायक भी रहे हैं। पार्टी की गलत नीतियों की वजह से वह फरवरी 2021 में सपा में शामिल हो गए। इसी बीच राजनीतिक कलाबाजी दिखाते हुए उन्होंने रविवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे सिसायत का रंग एक बार फिर से चटख हो गया है। श्री राजभर के बसपा से सपा और फिर भाजपा का दामन थामने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरु हो गई है। चर्चाओं में यह बात प्रमुखता से शामिल है कि विस चुनाव अधिसूचना जारी होने दिन करीब होने से पहले अचानक श्री राजभर के पाला बदलने में कोई बड़ा राजनीतिक खेल है। क्योंकि बीते 6 नवंबर को जहूराबाद विस में एक दिवसीय बीएसपी कैडर कैम्प का आयोजन कासिमाबाद में स्थित नेशनल इंटर कालेज के मैदान में किया गया था। इसमें पूर्व विधान परिषद सदस्य मुख्य सेक्टर प्रभारी वाराणसी, मिर्जापुर, इलाहाबाद मंडल डा. विजय प्रताप ने दूधनाथ उर्फ बुझारत राजभर को जहूराबाद विधानसभा का प्रभारी प्रत्याशी की घोषणा किया था। शायद श्री राजभर को सपा से चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी मिलती नहीं दिखाई दे रही थी। इस विस क्षेत्र में भाजपा को राजभर प्रत्याशी की तलाश थी। कालीचरण राजभर इस विस से क्षेत्र बसपा से दो बार विधायक रहे हैं। इसलिए शायद भाजपा इन पर दांव लगा सकती है। आपको बता दे कि हाल ही में सैदपुर विधायक सुभाष पासी सपा छोड़ भाजपा और बसपा छोड़ सपा सरकार में धर्माथ कार्य मंत्री रहे विजय मिश्रा ने भाजपा का दामन थामा था।