थोडी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
रेवतीपुर(गाजीपुर) । स्थानीय सीएचसी सभागार में बृहस्पतिवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाने के साथ ही राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण एवं प्रबंधन को लेकर सीएचओ व आशाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण किया गया । जिसका शुभारंभ महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर चंद्र मौली मिश्रा व संत राज ने किया। प्रोफेसर डा. चंद्र मौली मिश्रा ने आशाओं व सीएचओ को रैबिज के नियंत्रण व उपचार के बारे में विशेष प्रशिक्षण में बोलते हुए कहा कि जंगली जानवर, कुत्तों के काटने पर लोगों का समय से समुचित इलाज बेहद जरूरी है।उन्होंने कहा कि जानवरो के काटने पर हुए जख्म को समुचित रूप से नल का पानी व साबुन से 15 मिनट तक धोना चाहिए। कहा कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास को रोकने के मद्देनजर लोगों को जागरूक करना भी बेहद जरूरी है। कहा कि रैबीज के संक्रमण को 2030 तक हर हाल में पूरी तरह से नियंत्रण का लक्ष्य है।डा. संतराज ने कहा कि बरसात के दिनों में सर्पदंश की घटनाएं अधिक होती हैं।
इसलिए सर्पदंश के प्रबंधन पर जानकारी जरूरी है, एंटी स्नैक वेनम की उपलब्धता व उसका उपयोग को लेकर सतर्कता जरूरी है,कहा कि थोडी सी लापरवाही भारी पड सकती है।सीएचसी अधीक्षक व प्रभारी अधिकारी डाक्टर अमर कुमार ने कहा कि 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में व्यापक कैंपेन और जागरूकता अभियान के चलते भारत में मलेरिया के मामलों में विशेष सुधार आया है। मलेरिया जो मच्छरों के काटने से होती है। इसमें अगर समय पर इलाज न किया जाए तो रोग के गंभीर रूप लेने या मौत का खतरा हो सकता है। उन्होने कहा कि रैबीज एक वायरल बीमारी है,यह वायरस रैबीज से पीड़ित जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। इस अवसर पर आशुतोष,अभिषेक, बबीता सिंह, सुनील कुमार, कृष्णा पांडेय, इम्तियाज, प्रिया राय,अर्चना,मीरा,सविता,जया पांडेय आदि मौजूद रहे।