परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को अपनाने में तत्पर दिखे शिक्षित परिवार : कुसुम

 परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को अपनाने में तत्पर दिखे शिक्षित परिवार : कुसुम

गाजीपुर। पीजी कालेज में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में कला संकाय के भूगोल विषय की शोधार्थिनी कुसुम यादव ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “जखनियां विकासखण्ड में जनसंख्या गत्यात्मकता एवं परिवार कल्याण: एक भौगोलिक विश्लेषण” नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि जखनियां विकासखण्ड का एक ग्रामीण जनसंख्या बहुल क्षेत्र है। जहां कृषि लोगों की आजीविका का सबसे महत्वपूर्ण आधार है। इस क्षेत्र में बढ़ती हुई जनसंख्या से अनेक सामाजिक-आर्थिक एवं पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जैसे बेरोजगारी, निर्धनता, अशिक्षा, पेय जल एवं आवास सुविधाओं का अभाव, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं, प्रति व्यक्ति कृषि भूमि की कमी, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि। इन समस्याओं का समाधान अध्ययनित क्षेत्र में परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करके एवं जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करके किया जा सकता है। इसमें शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। शोध अध्ययन से प्रकाश में आया है कि शिक्षित परिवार जहां स्वयं परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को अपनाने तथा जनसंख्या को नियन्त्रित करने में सबसे अधिक तत्पर पाए गए वहीं अशिक्षित परिवार इसके प्रति उदासीन और अनभिज्ञ पाए गए और इनमें बच्चा पैदा करना ईश्वर या अल्लाह की देन मानने की मानसिकता पायी गयी। इस मानसिकता को परिवर्तित करने की आवश्यकता है। विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे.(डॉ) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ) जी सिंह, मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ)एसडी सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉ०बासुदेव राम, भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार शाही, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफे (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ केके पटेल, डॉ नितिश कुमार भारद्वाज, डॉ गौतमी जैसवारा, डॉ अतुल कुमार सिंह, डॉ अंजनी कुमार गौतम एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में डॉ० सुनील कुमार शाही ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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