व्रतियों ने कुंआरी कन्याओं को खिलाकर खुद किया पारन
—नवरात्र के अंतिम दिन मंदिरों में उमड़ी आस्था
—जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के पुत्र ने मां कामाख्या के दरबार में नवाया शीश
गाजीपुर। नवरात्र के अंतिम दिन मंगलवार को जिले के प्रसिद्ध देवी मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में आस्था उमड़ी। भक्तों ने मां के चरणों में शीश नवाकर उनसे अपने और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों में भीड़ का आलम यह था कि जितने लोग दर्शन कर लौट रहे थे, पुनः उससे भी अधिक भक्त पहुंच जा रहे थे। उधर सुख-शांति और शक्ति की कामना को लेकर किया गया नवरात्र का व्रत मंगलवार को समापन की और पहुंच गए। व्रती महिलाओं-पुरुषों ने कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने के बाद पारन किया।
नवरात्र के पहले दिन से जिले में देवी की आस्था की बयार बह रही थी। अंतिम सोमवार को पूर्वांचल के प्रसिद्ध शक्तिपीठ के रूप में विख्यात मां कामाख्या धाम पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। आम जनमानस के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और वीवीआइपी ने भी मां का दर्शन-पूजन कर उनसे सुख-शांति के लिए मां से प्रार्थना किया।
नवमी के दिन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पुत्र अभिनव सिन्हा ने मां के दरबार में मत्था टेक सुख शांति-समृद्धि की कामना की । इसके अलावा करीमुद्दीनपुर स्थित मंगला भवानी, रेवतीपुर स्थित मां भगवती, दिलदारनगर रेलवे स्टेशन शायर माता सहित जिले के अन्य देवी मंदिर में अंतिम दिन आस्था उमड़ी।
श्रद्धालुओं ने मां की वंदन कर उनसे मंगल की कामना की। उधर सुख शांति और शक्ति की कामना को लेकर किया गया नवरात्र का व्रत मंगलवार को समापन की ओर पहुंच गया। इस अवर पर कई व्रती महिलाओं ने कुंआरी कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराया। इसके बाद खुद पारन कर नौ दिन तक चले व्रत को समाप्त किया।
इन आयोजनों के चलते जिले के हर क्षेत्र में धार्मिक वातावरण बना रहा। उल्लेखनीय है कि नवरात्र में कुआंरी कन्याओं का पूजन देवी के रुप में किया जाता है। इन्हें भोजन, फल, कपड़ा तथा मुद्रा आदि दे कर प्रसन्न किया जाता है। दुर्गा तथा लक्ष्मी के रुप में कन्याओं का पूजन करने वालो के घर धन, सुख तथा समृद्धि बनी रहती है। इसी परंपरा के निर्वहन के क्रम में व्रती महिलाओं तथा पुरुषों ने घर घर में कन्या भोज कराया।