रेलवे परिसर में रावण दहन पर लगी रोक, समिति के लोगों में आक्रोश
—बोले पूर्व विधान परिषद सदस्य कैलाश सिंह, रेलवे सुरक्षा बल के कुछ अधिकारी कर रहे मनमानी
गाजीपुर। औड़िहार जंक्शन के बाहरी हिस्से में आयोजित होने वाले मेले में रावण दहन पर रेलवे द्वारा रोक लगाए जाने से समिति एवं स्थानीय रेल प्रशासन के बीच तनातनी चल रही है। रामलीला समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य डा. कैलाश सिंह के प्रयास से इस तनातनी पर विराम लग गया। संयुक्त समिति श्री नूतन कला मंदिर एवं रामलीला समिति की रविवार को आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि समिति अब पूर्व में रावण दहन होने वाली जगह से हटकर गांधी द्वार के पास रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित करेगी।
इस मौके पर समिति के अध्यक्ष डा. कैलाश सिंह ने कहा कि समिति ने रेल विभाग से रामलीला मंचन एवं मेला के लिए निश्चित किराया पर जमीन आवंटित करा रखी है। स्थानीय रेलवे सुरक्षा बल के कुछ अधिकारी विभाग के आदेशों की अवहेलना एवं धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए मनमानी कर रहे है। समिति इस मनमानी को लेकर न्यायायलय में गुहार लगाएगी। बैठक में राजेंद्र पाठक, श्रवण कुमार सिंह, जानकी प्रसाद, रामजतन कुशवाहा, आलोक सिंह, काजू पाठक, ब्रजेश पाठक, विश्वनाथ राम, आशीष सिंह, आनन्द कुमार, गुड्डू सिंह, राहुल कुमार आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता पूर्व विधान परिषद सदस्य डा. कैलाश सिंह एवं संचालन समिति के व्यवस्थापक राजेन्द्र पाठक ने किया। उधर इस संबंध में बात करने पर पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि विगत वर्ष पंजाब में रावण दहन के समय हुए अफरा-तफरी में 5 दर्जन से ज्यादा लोगों की मृत्यु एवं सैकड़ो व्यक्ति के घायल होने के कारण रेल परिसर में आग से जुड़े किसी भी कार्यक्रम पर रेलवे अनुमति नहीं प्रदान कर रही है। उक्त कार्यक्रम स्थल के पास ही रेलवे टिकट घर एवं प्रवेश तथा निकास द्वार होने कारण जनहित में इस पर रोक लगाई गई है। रेलवे द्वारा उक्त समिति को रामलीला मंचन के 35 फुट चौड़ा, 35 फुट लम्बी जमीन निश्चित शुल्क पर आवंटित की गई है। स्थानीय आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक एके सुमन ने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार यात्री हित एवं जनसुरक्षा को ध्यान रखते हुए स्थानीय रेलवे परिसर में रावण के पुतला दहन को रोका गया है।