संसार को चलाने के लिए शिव के साथ ही शक्ति की भी जरूरतःभवानीनंदन यति

 संसार को चलाने के लिए शिव के साथ ही शक्ति की भी जरूरतःभवानीनंदन यति

गाजीपुर। अध्यात्म जगत में तीर्थ स्थल का रूप ले चुके सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने यजमान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ किया। नवरात्र महोत्सव में वाराणसी के वैदिक विद्वान ब्राह्मण विधि पूर्वक हवन-पूजन एवं यज्ञ का कार्य सम्पादित कर रहे हैं। इस धार्मिक अनुष्ठान में शतचण्डी महायज्ञ पाठात्मक, लक्ष्मीनारायण महायज्ञ हवनात्मक के साथ ही अनवरत चलने वाले विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।

हवन कुण्ड में आहुति देने के सााथ ही यज्ञ मण्डप की परिक्रमा करने वालों की श्रद्धा देखते ही बन रही है। वहीं माता सिद्धिदात्री एवं बुढ़िया माई का दर्शन-पूजन का क्रम अनवरत चल रहा है। महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज के प्रवचन का श्रवण करते हुए अनवरत चल रहे भण्डारा से लोग प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को धन्य कर रहे हैं। इस अनुष्ठान में स्वजनपद समेत देश के कोने-कोने से शिष्य-श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस मौके पर महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति ने कहा कि आदि शक्ति मां दुर्गा की सच्चे हृदय से की गई आराधना सदैव फलदायी होती है। संसार को चलाने के लिए शिव के साथ ही शक्ति की भी जरूरत है। नवरात्र में आदि शक्ति के अलग-अलग रूपों की पूजा-आराधना का विधान है। उन्होंने लोककल्याणार्थ आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान का जनता से लाभ लेने का आह्वान किया। इस धार्मिक अनुष्ठान में प्रतिदिन सुबह से शाम तक पूजन-अर्चन, हवन तथा यज्ञ संम्पादित हो रहा है। नवरात्रि के पावन पर्व पर यज्ञानुष्ठान से समूचे क्षेत्र का वातावरण देवीमय बना हुआ है।

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