जखनिया तहसीलदार निलंबित
गाजीपुर। उच्चाधिकारी से बिना अनुमति लिए गायब रहने, जन शिकायतों के निस्तारण में रुचि न रखने सहित अन्य तरह की अनुशासनहीनता करना जखनिया तहसीलदार संजय कुमार राय को महंगा पड़ा। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद के निर्देश पर परिषद द्वारा तत्काल प्रभाव से उन्हें निलम्बित करते हुए आयुक्त वाराणसी मण्डल, वाराणसी के कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया।
सूचना विभाग द्वारा जारी खबर में बताया या है कि जखनिया तहसीलदार संजय कुमार राय 15 अप्रैल से उच्च अधिकारी से बिना अनुमति लिए तहसील मुख्यालय/जनपद मुख्यालय से गायब रहे। इसके अलावा जन शिकायतों के निस्तारण में रूचि न रखने, राजस्व अधिकारियों/कार्मिकों के प्रति गाली-गलौज एवं दुर्व्यवहार किए जाने, उच्च अधिकारियों/जन प्रतिनिधियों का फोन न उठाने आदि अनुशासहीनता करने संबंधी प्रकरण में आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद के निर्देश पर परिषद द्वारा तत्काल प्रभाव से उन्हें निलम्बित करते हुए आयुक्त वाराणसी मण्डल, वाराणसी के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया। निलंबन की अवधि में संजय कुमार राय को वित्तीय नियम संग्रह खंड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम-53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा। लेकिन ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलंबन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता, अथवा मंहगाई भत्ते का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलंबन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलंबन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं। उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जाएगा, जब तहसीलदार संजय कुमार राय इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति या व्यवसाय में नहीं लगे हैं।