बढ़ी सर्दी की बेदर्दी, कांपते-ठिठुरते लोग
गाजीपुर। वैसे तो पिछले कई दिनों से ठंड का प्रभाव जारी था। इसी बीच बीते मंगलवार को खराब मौसम के बीच शाम के घंटों धीमी बारिश होने से सर्दी की बेदर्दी बढ़ गई। दूसरे दिन भी भगवान भाष्कर ने दर्शन नहीं दिया। बर्फीली हवा के बोच कांपते और ठिठुरते हुए मौसम की दुहाई देते रहे। राहत के लिए एक तरफ जहां लोगों ने शरीर पर कपड़ों का बोझ बढ़ाया, वहीं राहत के लिए अलाव का सहारा लिया। मौसम के मिजाज को देख लोग यह कयास लगाते रहे कि लगता है कई दिनों तक ठंड अपनी ताकत का एहसास कराएगी।
पिछले कई दिनों से ठंड का प्रभाव जारी था। हालांकि इस दौरान धूप निकलने पर लोगों को कुछ राहत मिल रही थी। इसी बीच तीन दिन पहले मौसम में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी हो गया। इसी बीच बीते मंगलवार को अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ गया। पूरे दिन बदली के बीच सर्द हवा चलती रही है। मौसम के इसी खेल के बीच शाम को बारिश शुरु हो गई, जो घंटों होती रही। इससे सर्दी और भी बलवान हो गई और ठंड के साथ ही गलन का जबरदस्त प्रभाव हो गया। इससे राहत के लिए लोगों ने शरीर पर कपड़ों का बोझ बढ़ाने के साथ ही अलाव और हीटर का सहारा लिया। कड़ाके की ठंड की वजह से रात में साढ़े आठ बजे ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। वहीं लोग घरों से बाहर निकले, जिनकी कुछ मजबूरी थी। दूसरे दिन बुधवार को भी भगवान भाष्कर ने आंखें नहीं खोली, इससे लोगों को सर्दी से राहत नहीं मिली। पूरे दिन बर्फीली हवा चलने से लोग ठिठुरते और कांपते रहे। राहत के लिए लोगों गर्म कपड़ों के साथ ही अलाव का सहारा लिया। नगर के जिन तिराहों-चौराहों पर अलाव जल रहा था। वहां आग तापने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। ग्रामीण इलाकों में लोग जगह-जगह अलाव तापते नजर आए। सर्दी की बेदर्दी को देखते हुए लोगों में यह चर्चा होती रही कि लगता है कि मकर संक्रांति के बाद ही सर्दी से राहत मिलेगी।