हाई रिस्क वाले गांव की विशेष निगरानी की जाए

 हाई रिस्क वाले गांव की विशेष निगरानी की जाए

गाजीपुर। पहली जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह मनाया जाएगा। इसी बीच 11 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलेगा। इसको लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में इसकी तैयारियों को लेकर बैठक की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य समेत विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए यह अभियान पूरे जुलाई संचालित किया जाएगा। सभी विभागों के सामंजस्य से ही इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सकता है। डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों को ठोस कदम उठाना होगा। उन्होंने पंचायती राज एंव ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय से साफ-सफाई का कार्य, लार्वीसाइडल स्प्रे, फॉगिंग, खराब इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प की मरम्मत एवं उथले हैण्डपम्पों के चिन्हीकरण, नालियों एवं तालाबों की साफ-सफाई एवं मार्गों के खरपतवार/झाड़ियों की कटाई-छंटाई का कार्य कराया जाए। हाई रिस्क वाले गांव या क्षेत्र की विशेष निगरानी की जाए। जिससे वेक्टर घनत्व नियंत्रित किया जा सके। नगर पालिका व नगर पंचायत को निर्देशित किया कि संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य कराया जाए। नगरीय क्षेत्रों में झुग्गी झोपड़ी व स्लम एरिया क्षेत्रों में विशेष रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। साफ-सफाई कीटनाशक रसायनों का छिड़काव, फॉगिंग, जल जमाव निकासी, मच्छरों के प्रजनन स्थानों का नष्टीकरण, ब्रीडिंग न होने देना सोर्स रिडक्शन का कार्य कराया जाए। वेक्टर जनित रोगों यथा  डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया तथा कालाजार आदि रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार का कार्य करायेंगे। सीडीओ संतोष कुमार वैश्य ने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, पंचायती राज, पशुपालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांग जन कल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग सहित अन्य विभाग समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। स्वास्थ्य विभाग अभियान का नोडल विभाग रहेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि इस अभियान में संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार आदि के साथ ही टीबी, कुष्ठ, कालाजार एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त मरीजों को भी चिन्हित करने पर जोर रहेगा। अभियान के अंतर्गत ही 11 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें आशा व आगंनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी। इसके साथ ही लक्षणयुक्त व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण ई- कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी।     संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ जेएन सिंह ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी।जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि सभी अपने घर व आस पास साफ सफाई रखें, जल जमाव न होने दें, कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी सप्ताह में बदलते रहें। जल पात्रों जैसे गमला, मटका, टब, बाल्टी, ड्रम, टंकी, टायर आदि में भी पानी न एकत्र होने दें। हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वा पर प्रहार । बैठक में एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आनंद मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, आईसीडीएस विभाग के डीपीओ, पंचायती राज के डीपीआरओ समेत अन्य विभागों के मुख्य अधिकारी व सहकर्मी एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

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