कृषि विभाग के अधिकारी खेतों से ले रहे मिट्टी का नमूना
रेवतीपुर (गाजीपुर) केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों के खेतों से मृदा परीक्षण के लिए मिट्टी का स्वायल सैंम्पल (नमूना) लेने के लिए ब्लाक के दस गावों का चयन किया है। इन गांवों से एक हजार नूमने लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद कृषि कर्मी व अधिकारी नूमने लेने में जुट गये है।केन्द्रीय कृषि मंत्रालय भारत सरकार की ओर से रेवतीपुर कृषि विभाग को जो लक्ष्य मिला है,उसे एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाना है।कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लिए जाने वाले सभी सैंम्पल को गाजीपुर स्थित स्वायल सैंम्पल लैब या आकुंशपुर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के लैब में भेंजा जाएगा,इसकी रिपोर्ट धान की रोपनी से पहले ( एक महीनें के अंदर) आ जाएगी ।
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसके परीक्षण रिपोर्ट में जो कमियां मिट्टी में मिलेगी, उसे जरूरी पोषक तत्वों के जरिए दूर किया जाएगा,ताकि खेत की उर्वरक क्षमता में कमी न होने पाए।और किसान खुद का उत्पाद बढाने के साथ ही आय भी बढा सके ।एडीओ एजी सोनेलाल पटेल ने बताया कि एक खेत से चार जगह मिट्टी के नमूने लिए जा रहे है,जिसे लैब में जांच के लिए भेंजा जाएगा।जिसकी रिपोर्ट एक महीनें के अंदर प्राप्त हो जाएगी।यह पूरी जांच मुफ्त में होगी।इसका मुख्य उद्देश्य खेतों की उर्वरक क्षमता बनाए रखना व उत्पादन में वृद्धि करना है।बताया कि इसके लिए प्रत्येक विकास खंड के दस- दस माडल गांवों का चयन करके खसरा-खतौनी के आधार पर हर किसान के खेत की मिट्टी की मुफ्त जांच करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया जाएगा।बताया कि जांच में मुख्य तौर पर नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, अम्ल, आर्गेनिक, कार्बन, मैग्नीज, कापर, आयरन, बोरान, आदि की जांच की जाएगी ।उन्होंने बताया कि पूरे इलाके में करीब सोलह हजार से अधिक किसान पंजिकृत किसानों के द्वारा करीब ढाई हजार हेक्टेयर क्षेत्रफ़ल में धान की खेती की जाती है।