गुडवर्कःआवेदकों को लाखों वापस कराया साइबर सेल ने
—पैसा वापस पाकर खिले आवेदकों के चेहरे, पुलिस के प्रति जताया आभार
गाजीपुर। साइबर सेल टीम को बड़ी सफलता मिली। उसने साइबर ठगी के शिकार चार लोगों का लाखों रुपया वापस कराया। शनिवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी सिटी गोपीनाथ सोनी ने बताया कि साइबर सेल टीम के अच्छा कार्य की वजह से साइबर ठगी के शिकार चार लोगों का 9 लाख 17 हजार 9 सौ रुपया वापस कराया गया।
उन्होंने बताया कि एसपी के निर्देशन में साइबर टीम साइबर अपराध के खिलाफ अभियान चला रही है। मरदह थाना क्षेत्र रायपुर निवासी सत्येंद्र चौहान ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराया था कि उसकी बहन सुमित्रा चौहान के खाते से 760000.00 रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन होने हुआ है। इस पर प्रभारी साइबर सेल उपनिरीक्षक वैभव मिश्रा मय टीम के प्रकरण का अध्ययन करते हुए अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से लगे हुए थे। संबंधित कंपनी/मर्चेंट को जरिए मेल पत्राचार कर एवं दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की। इसके फलस्वरुप आवेदक का 07 लाख खाते में वापस कराया। एसपी सिटी ने बताया कि इसके अतिरिक्त साइबर सेल ने साइबर ठगी के शिकार तीन अन्य आवेदकों का भी 02 लाख 17 हजार 09 सौ रुपया वापस कराया। उन्होंने बताया कि नंदगंज थाना क्षेत्र के सौरम निवासी धर्मेंद्र का 171514, जंगीपुर थाना के क्षेत्र के बेलवा रसूलपुर देवकठिया निवासी सुभाष यादव का 40476 और सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरीघाट निवासी सुशांत श्रीवास्तव का 6000 रुपया वापस कराया गया। एसपी सिटी ने कहा कि पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में साइबर सेल टीम लगातार अच्छा काम कर रही है। उधर अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदकों के चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्होंने साइबर सेल टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। आवेदकों को रुपया लौटाने में सफलता करने वाली साइबर टीम में साइबर सेल प्रभारी वैभव मिश्रा, कांस्टेबल मुकेश कुमार, कांस्टेबल राजकुमार, कांस्टेबल विकास श्रीवास्तव, कांस्टेबल शिव प्रकाश यादव और महिला कांस्टेबल प्रतिभा शुक्ला शामिल रही।
—बरते सावधानियां
–कभी किसी मैसेंज पर विश्वास न करें।
–बैंक के संबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
–फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई न करें।
–अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर न करें।
–फेसबुक या अन्य किसी सोशल मीडिया पर अनजान लोगों के साथ वीडियो कॉलिंग न करें।
–अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना करें।
–रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल न करें।
–पैसे की प्राप्ति करने के लिए कभी भी एम. पिन या यू.पी.आइ. पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।