स्वस्थ तीन बच्चों को किया जाएगा पुरस्कृत

 स्वस्थ तीन बच्चों को किया जाएगा पुरस्कृत

—आंगनबाड़ी केंद्रों पर 22 को होगी स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता
—जिले की 4127 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन लाख से अधिक बच्चे बनेंगे प्रतिभागी

गाजीपुर। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत 22 सितंबर (गुरुवार) को जनपद के सभी 4127 आंगनबाड़ी केंद्रों व ग्राम सभाओं पर स्वस्थ बालिका प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसमें शून्य से पांच वर्ष तक के करीब 3.15 लाख बच्चों के प्रतियोगिता में भाग लेने की उम्मीद है। प्रतियोगिता में सबसे स्वस्थ तीन बच्चे का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिलीप कुमार पांडेय ने दी है।
डीपीओ ने बताया कि इस स्पर्धा को एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना है। प्रतियोगिता में स्वास्थ्य विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। प्रतियोगिता के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन और लम्बाई नापी जाएगी। उम्र के अनुसार बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। साथ ही अनुपूरक पोषाहार भी बांटा जाएगा। प्रतियोगिता में स्थानीय संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, शैक्षणिक संस्थाओं, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, आशा कार्यकर्ता और एएनएम का सहयोग लिया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता प्राप्त करने की कोशिश होगी।

—यह है विजेता बनने के मानक
स्वस्थ बालक-बालिका का चयन करने के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं। जैसे मासिक वृद्धि निगरानी के लिए पांच अंक, व्यक्तिगत स्वच्छता (साफ हाथ, नाखून काटना) के लिए 10 अंक, ऊंचाई-लंबाई के सापेक्ष वजन संबंधी पोषण श्रेणी के लिए 10 अंक, आहार की स्थिति के संबंध में 10 अंक, उम्र के अनुसार टीकाकरण के लिए 10 अंक, डीवार्मिंग (पेट के कीड़े निकालने) के लिए पांच अंक निर्धारित हैं। इस तरह से प्रतियोगिता के लिए कुल 50 अंक निर्धारित हैं। पुरस्कार के चयन के लिए ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण पंचायत के सदस्य, ग्रामसभा के प्रतिनिधि, एएनएम, आशा कार्यकर्ता तथा स्थानीय शिक्षक को नामित किया गया है। विजेता का चयन प्रथम, द्वितीय और तृतीय तीन श्रेणियों में होगा। दो अक्टूबर को आयोजित होने पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र व स्थानीय स्तर पर निर्मित खिलौने दिए जाएंगे।

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