नाग पंचमी पर घर-घर पूजे गए नाग देवता

 नाग पंचमी पर घर-घर पूजे गए नाग देवता

—बकस बाबा, तक्षक बाबा और अमवा की सती माई के दरबाद में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गाजीपुर। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मंगलवार को नागपंचमी का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। सुबह घरों की साफ-सफाई कर लोगों ने दूध-लावा चढ़ाकर पूजन-अर्चन किया। घरों में विशेष प्रकार का पकवान बनाकर इसका लुफ्त उठया। एक तरफ जहां युवतियों, महिलाओं और बच्चों ने झूले का आनंद उठाया, वहीं विभिन्न अखाड़ों में पहलवानों ने दांव लगाया। इस मौके पर कई स्थानों पर मेला का भी आयोजन किया गया था, जिसका लोगों ने आनंद उठाया।

पिछले कई दिनों से नागपंची की तैयारी चल रही थी। मंगलवार की सुबह लोगों ने घरों के कोने-कोने की साफ-सफाई कर दूध और लावा चढ़ाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद अखाड़ों में जाकर कुश्ती का आनंद लिया। पेड़ों पर पड़े झूले का युवतियों एवं महिलाओं ने लुफ्त उठाया। सेवराई संवादाता के अनुसार एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में स्थित बक्स बाबा के धाम नागपंचमी की पूजा संपन्न हुई। इस मौके पर बक्स बाबा के धाम पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। दुग्ध स्नान एवं हवन-पूजन के बाद भक्तों में प्रसाद के रूप में धान-लावा का वितरण किया गया। जनपद के साथ ही साथ गैर प्रान्तों से भी लोग बहुतायत संख्या में पहंचे। मान्यता है कि सर्प दंश से बचाव के लिए लोग यहां से मिले प्रसाद के तौर पर लावा और चावल का छिड़काव अपने घरों में करते है। नागपंचमी के दिन यहा विशेष पूजन-अर्चन होता है। यहा से पूजा होने के बाद ही लोग अपने घरों में पूजा कर भोजन आदि बनाने का कार्य प्रारंभ करते है। करीमुद्दीनपुर संवाददाता के अनुसार नागपंचमी का पर्व क्षेत्र में परंपरागत तरीके से मनाया गया। नाग देवता को दूध-लावा चढ़ाकर पूजन किया गया। क्षेत्र के विश्वंभरपुर ग्राम में स्थित तक्षक बाबा के मंदिर तथा अमवा की सती माई दरबार में दर्शन-पूजन तथा लावा चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके साथ ही जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी नागपंचमी की धूम रही।

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