सही धारा न लगाना एसओ को पड़ा महंगा, लाइन हाजिर

 सही धारा न लगाना एसओ को पड़ा महंगा, लाइन हाजिर

गाजीपुर। अमितेश दुबे अखिलेश हत्याकांड मामले में सही धारा न लगाने की वजह से ग्रामीणों संग मृतक के परिजनों द्वारा एसपी आवास पर शव के साथ हो-हल्ला करना करंडा थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह को महंगा पड़ा। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे उन्हें तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।
मालूम हो कि बीते रविवार की सुबह करंडा थाना क्षेत्र के जमुआंव गांव निवासी अमितेश दुबे अखिलेश (48) का दरवाजा पर ट्रैक्टर खड़ा होने के विवाद में पड़ोसियों ने सर पर ईंट से वार कर हत्या कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के साथ ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। शाम को पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम आउस लेकर आई थी। इस बीच मृतक के परिजन ग्रामीणों संग शव लेकर पुलिस अधीक्षक आवास पर पहुंच गए थे। परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने इस मामले में 304 का मुकदमा दर्ज किया है। जबकि गैर इरादतन नहीं, बल्कि सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है। इसलिए 302 का मुकदमा पंजीकृत होना चाहिए। एसपी आवास पर हंगामें के बीच पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की बेचैनी बढ़ गई थी। एसओ द्वारा धारा 302 में मुकदमा दर्ज करने के आश्वासन पर परिजन और ग्रामीण शांत हुए थे। इसके बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने करंडा एसओ को लाइन हाजिर कर दिया।

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