सचिव ने ली वृद्धाश्रम में मौजूद सुविधाओं की जानकारी, दिया निर्देश
गाजीपुर। लंगड़पुर छावनी लाइन में स्थित वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम पर बुधवार को विधिक साधरता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूर्णकालिक सचिव कामायनी दुबे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिविर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम में मौजूद सुविधाओं के संबंध में संबंधितों से जानकारी ली। परिसर में साफ-सफाई एवं स्वच्छ पानी व मीनू/वातावरण के अनुसार भोजन के लिए निर्देशित किया।
सचिव ने बुजुर्गों के अधिकारों के संबंध में जानकारी दी। बताया कि माता-पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के तहत अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक जो कि अपने आय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से भरण-पोषण करने में असमर्थ है, वह अपने व्यस्क बच्चों अथवा ऐसे संबंधितों से भरण-पोषण करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बालिका शिशु के महत्व और भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना उनके स्वास्थ्य सम्मान, शिक्षा, पोषण आदि से जुड़े मुद्दों तथा पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है, के बारे में चर्चा की गई। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के तत्वाधान में एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश के आदेशानुसार वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण अधिनियम 2007 के तहत विधिक साक्षरता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।