सबकी जुबां पर एक ही बात, कैसे मिलेगी राहत

 सबकी जुबां पर एक ही बात, कैसे मिलेगी राहत

—सूरज के तप से इंद्रदेव के मेहरबानी का इंतजार

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गाजीपुर। मौसम के तप से इंसानों की कौन कहे, जानवर भी हलाकान है। धूप और उमस का आलम यह है कि एक पल के लिए भी लोगों को चैन नहीं मिल पा रहा है। तेज धूप के आगे आंखों की चमक भी पूरी तरह से फीकी पड़ जा रही है। मौसम के तप से हर किसी की जुबां पर बस एक बात है कि कैसे मिलेगी राहत। भगवान भाष्कर की इस बेरुखी से अब हर किसी को भगवान इंद्र की मेहरबानी का इंतजार है।
करीब पांच दिनों से मौसम का मिजाज काफी गर्म है। सुबह आठ बजे से ही तेज धूप का जो प्रभाव शुरु हो रहा है, वह सूर्यअस्त तक बना रह रहा है। इस दौरान भीषण उमस और गर्मी से लोगों की बेचैनी बढ़ जा रही है। खुले आसमान के नीचे लोगों को एक सेंकेंड खड़ा रह पाना संभव नहीं हो पा रहा है। धूप से बचने के लिए लोगों द्वारा तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है। मार्गों पर आवागमन कर रहे लोगों को धूप के प्रभाव से चक्कर सा महसूस होने लग रहा है। थोड़ी दूर आवागमन करने के लिए लोगों को कई बार छाव में रुककर आराम करना पड़ रहा है। धूप के कारण गुलजार रहने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा रह रहा है। सूर्य अस्त के बाद ही लोगों की चहल-पहल दिखाई दे रही है। गर्मी से कुछ राहत पाने के लिए लोगों को थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी का सहारा लेना पड़ रहा है। घरों में लगे पंखे-कूलर भी लोगों को गर्मी से राहत दिला पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। बस लोगों को इस बात का संतोष है कि वह पंखे और कूलर के बीच बैठे है। तपन का असर आधी रात तक लोगों को सता रहा है। रविवार को मौसम के मिजाज का आलम यह रहा कि उमस के साथ ही गर्मी पूरी तरह से फार्म में रही। सूर्यदेव से एक सेकेंड के लिए नजरें मिला पाना संभव नहीं हो रहा था। धूप के बीच की कौन कहे, छाव में भी उलझन के बीच लोगों के शरीर से पसीना टपकता रहा। बेचैन लोगों की जुबां पर बस यही बात रही कि हे भगवान, कैसे मिलेगी राहत। मौसम की बेरुखी से राहत के लिए अब हर किसी को भगवान इंद्र की मेहरबानी का इंतजार है। आसमान में कब काली घटाएं छाएगी, इसके लिए बेहाल लोग बादल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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