आयुर्वेद के लिए सुनहरा समय आ गया हैःप्रो. अवधेश सिंह
नंदगंज (गाजीपुर)। शम्मे गौसिया माइनारिटी पीजी आयुर्वेदिक/यूनानी मेडिकल कालेज सहेड़ी में बीएएमएस सत्र 2021-22 छात्रों के पठन पाठन के लिए संक्रमण कालीन पाठ्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. डा. अवधेश कुमार सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ततपश्चात आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी की आरती की गई।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. डा. अवधेश सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के लिए सुनहरा समय आ गया है। आयुष विश्वविद्यालय बनने से निश्चित रूप से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को और बढ़ावा मिलेगा। अब आप लोगो के ऊपर निर्भर करता है कि लगन से और कड़ी मेहनत कर इसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि मैंने पीआरडी मेडीकल कालेज गोरखपुर और एम्स से टाईअप किया है, जिसमें न्यूचरोपैथी और योगा को मुख्य रूप से रखा है।
साथ ही कई बीमारियों को भी रखा है, जिसके कारण को खोजकर उसे जड़ से दूर किया जा सके। उन्होंने पंच महाभूत के स्पेशपिक गुण और ज्ञानेंद्रियो के बारे में बताते हुए शिक्षकों और छात्रों से कहा कि आयुर्वेद की पढ़ाई में अब पढ़ने और पढ़ाने के तरीको को बदलना होगा। कई कार्य करने से अच्छा है, अपने अंदर एक गुण पैदा करो। आप आयुर्वेद पढ़ने और सीखने आये हैं तो गांव में जाइये और कौन से गांव में कौन सी बीमारी ज्यादा है, इस बारे में विचार कर लोग कैसे स्वस्थ रहेंगे, उनकी दिनचर्या क्या है, रात्रि चर्या क्या है यही तो सबको बताना और सीखाना है।
आयुर्वेद का मुख्य काम भी तो यही है। कहा कि आयुर्वेद में रोग उत्पन्न होने के कारण को ढूंढकर उसे जड़ से समाप्त कर उसका निदान करते हैं। एक अच्छा डाक्टर बनने के लिए लगन के साथ, कठिन परिश्रम, दूरदृष्टि, पक्का इरादा अगर है तो आपको एक अच्छा डाक्टर बनने से कोई नही रोक सकता। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि यहां के छात्र विश्वविद्यालय टॉप करे और जो छात्र टॉप करेगा, उसे मैं सम्मानित करूंगा। यही नही एमडी/एमएस में टॉप करने वाले छात्रों को रिसर्च के लिए विश्वविद्यालय में रख लूंगा। कहा योगा और न्यूचरोपैथी के लिए एक खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर एक डीवाईएनएस बना रहा हूं। अभी तक यह बोर्ड नहीं बना था, जो जल्द ही बनाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही आयुष विश्वविद्यालय से इस कोर्स को भी कराया जाएगा।
इस बीच एमडी/एमएस करने वाले छात्र/छत्राओं को पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर द्वारा प्राप्त उपाधि को मुख्य अतिथि के हाथों वितरित किया गया। अंत में शम्मे ग्रुप्स ऑफ हायर एजुकेशन के फाउंडर/प्रबंध निदेशक डा. मो. आज़म कादरी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण तथा इन्द्रजीत प्रसाद ने मुख्य अतिथि के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया। हण्डिया आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के एसो. प्रो. डा. शैलेन्द्र सिंह मुख्य वक्ता के रूप में आयुर्वेद के विषय पर अपना उद्बोधन दिया। राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज वाराणसी के प्रो. डा. रामनिहोर तपसी ने स्वंय द्वारा लिखित पुस्तक पदार्थ विज्ञान एवं आयुर्वेद का इतिहास मुख्य अतिथि को भेंट किया। इस अवसर पर संस्था के निदेशक डा. मोहसिन सिद्दीकी, डा. शादाब सिद्दीकी, साकिब सिद्दीकी, डा. साजिद कादरी, शिक्षा निदेशक नैय्यर रिजवी, अलाउद्दीन सिद्दीकी, रमाशंकर यादव, रविन्द्र श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश राय के अलावा सभी स्टाफ मौजूद रहे। अध्यक्षता संस्था के फाउंडर/प्रबंध निदेशक डा. मो आज़म कादरी तथा संचालन डा. गजनफर इमाम ने किया।