भोले भंडारी के आस्था में बम-बम रही लहुरी काशी

 भोले भंडारी के आस्था में बम-बम रही लहुरी काशी

—हर-हर महादेव जयघोष के साथ शिव के दरबार में भक्तों ने लगाई हाजिरी

गाजीपुर। महाशिवरात्रि पर मंगलवार को शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में आस्था का जलसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही पूजा-पाठ का जो सिलसिला शुरु हो गया। महाहर धाम में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिनेत्रधारी का जलाभिषेक कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान भक्तों द्वारा भोले भंडारी का जयघोष किए जाने से आसपास का वातावरण शिवमय बना रहा। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

सूर्योदय होते ही शिव भक्तों के पांव मंदिरों की ओर बढ़ने लगे। सुबह सात बजे तक शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र हो गई। मंदिरों के आसपास लगे फूल-माला, भांग, धतूरा, दूध आदि पूजन सामग्री की खरीदारी करने के बाद भक्तों ने औघड़दानी को अर्पित कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। शहर के मिश्रबाजार स्थित अतिप्राचीन शिव मंदिर, लालदरवाजा स्थित शिव मंदिर, रायगंज स्थित अमरनाथ, चीतनाथ, नवाबगंज स्थित शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों ने मत्था टेका। सबसे ज्यादा भीड़ पीरनगर स्थित बूढ़ा महादेव मंदिर पर रही। यहां भीड़ का आलम यह था मंदिर परिसर पूरी तरह से भक्तों के भरा था। भीड़ के कारण घंटों कतार में खड़े रहने के बाद श्रद्धालुओं ने बारी-बारी से मंदिर में प्रवेश किया और भोले का जलाभिषेक किया।

पूजन-अर्चन करने वालों में महिलाओं और युवतियों की संख्या अधिक रही। मरदह संवाददाता के अनुसार महाहर धाम पर भोर से ही शिव के दीवानों के पहुंचने का क्रम शुरु हो गया। आठ बजते-बजते मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से भर गया। जलाभिषेक के लिए काफी लम्बी लाइन लगी थी। बाबा के दर्शन के लिए भक्तों को घंटों कतार में खड़े रहना पड़ा। मंदिर के द्वार पर मौजूद पुलिस कर्मियों द्वारा लोगों को एक के बाद एक जलाभिषेक कराया जा रहा था। इसके साथ ही अलीपुर बनगावाना के पश्चिमी छोर पर स्थित महादेवा मंदिर, करीमुद्दीनपुर क्षेत्र के नागेश्वर महादेव मंदिर, ऊंचाडीह, बूढ़वा महादेव, झारखंडे महादेव तथा लखेश्वरडीह और कामेश्वर नाथ धाम, देवकली में गंगा के तटवर्ती क्षेत्र चकेरी धाम सहित जिले के अन्य शिवालयों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने भोले का पूजन-अर्चन कर मंगल की कामना की। प्रायः सभी मंदिरों को फूल-मालाओं के साथ ही बिजली के झालरों से भव्य रूप से सजाया गया था।

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