परंपरागत ढंग से मनाया गया अक्षय नवमी का पर्व
—आंवले के वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्तिःभवानीनंदन यति
गाजीपुर। अक्षयनवमी का पर्व शनिवार को जिले में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष के नीचे लक्ष्मी नारायण का पूजा पाठ किया गया तथा वृक्ष की परिक्रमा की। श्रद्धालुओं ने पंडितों को भोजन कराकर दान-पुण्य किया। मान्यता के मुताबिक अक्षय नवमी को किए गए पुण्य से कभी नष्ट नहीं होता है।
अक्षय नवमी पर श्री सिद्धपीठ हथियाराम मठ परिसर में स्थित वन क्षेत्र में आंवला पूजन के अवसर पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज ने कहा कि कार्तिक मास में स्नान का माहात्म्य है, लेकिन नवमी को स्नान करने से अक्षय पुण्य होता है। माना जाता है कि आंवला नवमी के दिन जो भी शुभ काम किया जाए, उसमें हमेशा पुण्य मिलती है। उन्होंने कहा कि इस दिन विशेष पूजा से अक्षय फल वरदान मिलता है। आंवला नवमी व्रत देव उठनी एकादशी व्रत से दो दिन पूर्व रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म में आंवला नवमी का विशेष महत्व है। इस दिन अनेक लोग व्रत भी करते हैं और कथा वार्ता में दिन बिताते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ रहने की कामना के साथ आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है। आंवला वृक्ष की पूजा के बाद पेड़ के नीचे ही बैठकर ही आंवला प्रसाद का भोजन किया जाता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर सिद्धपीठ से जुड़े सैकड़ों शिष्य श्रद्धालुओं ने सहभोज में महाप्रसाद ग्रहण किया। जिसमें स्वामी देवरहा बाबा, संत अमित त्रिपाठी, कौस्तुभ भट्टाचार्य, आरएसएस जिला प्रचारक कमलेश प्रणामी, अभाविप विभाग संगठन मंत्री रत्नेश जी, आरएसएस विभाग कार्यवाह आनन्द मिश्रा, हलधर सिंह चंदौली, अंकित जायसवाल, योगेंद्र सिंह, डॉ जयप्रकाश जी, श्रवण कुमार त्रिपाठी, अंजनी कुमार, चन्दन पाण्डेय, अंजनी कुमार, डॉ गम्भीर सिंह, अमित सिंह, लौटू प्रसाद आदि उपस्थित रहे।