हंटर ने छोड़ी अपनी फुलझड़ी

 हंटर ने छोड़ी अपनी फुलझड़ी

गाज़ीपुर। हास्य व्यंग्य के शायर नफीस आलम हंटर गाजीपुरी के शेरी काव्यग्रंथ “फुलझड़ी” का विमोचन अलसमद कल्चरल एंड लिटरेरी सोसायटी मोहल्ला मच्छरहट्टा में अध्यक्ष कद्र पार्वी द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि हाजी जैनुल आब्दीन तथा विशिष्ट अतिथि एमएएच स्कूल के प्रधानाचार्य खालिद अमीर रहे तथा काव्य संग्रह विमोचन का संचालन इतिहासकार एवं लेखक उबैदुर्रहमान सिद्दिकी ने किया। इस अवसर पर लेखक और शायर मासूम राशदी ने कहा कि हंटर गाजीपुरी ने हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह प्रकाशित करके जिले का नाम ऊंचा किया है। मौलाना अरशद कादरी ने कहा कि देखा जाए तो जनपद के इतिहास में प्रथम उर्दू शेरी मजमूआ है जो हंटर गाजीपुरी का है। उनका यह कार्य वास्तव में काबिल कद्र है। हसन फैजी ने कहा कि हंटर गाजीपुरी तीस वर्ष से ऊपर शायरी के मैदान में रहकर साहित्य जगत में जो नाम पैदा किया है वह काबिले तारीफ और सराहनीय योग्य है। इतिहासविद उबैदुर्रहमान ने कहा कि हंटर गाजीपुरी अपने शेरी काव्यग्रंथ द्वारा यहां के साहित्य जगत में अपना जो नाम दर्ज किया है, वह प्रशंसनीय है।

प्रधनाचार्य खालिद अमीर ने कहा कि हंटर गाजीपुरी ने तंज मजाह के जगत में अपने शेरी काव्यग्रंथ द्वारा दिलावर फिगार जैसे शायरों की उच्चकोटी में शामिल हो गए हैं, जिनसे साहित्य जगत अच्छी तरह से वाकिफ है। जैनुल आब्दीन ने कहा कि जब भागती दौड़ती जिंदगी में साहित्य के प्रति दिलचस्पी कम होती जा रही है, वाकई ऐसे शेरी संग्रह / काव्य संग्रह की जरूरत साहित्यप्रेमियों को थी।
अंत में हंटर गाजीपुरी ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस शेरी मज़मोया को लाना मेरा ख्वाब था, जो आज पूरा हुआ क्योंकि जनपद में तंज मजाह के शायर तो हुए है, लेकिन अधिकतर ऐसे लोग अपना काव्य ग्रंथ न ला सके। विमोचन समारोह के अध्यक्षीय भाषण में कद्र पार्वी ने कहा कि तंज मजाह शायरी में तत्कालीन घटना , उलझन भरे जीवन और समस्यायों पर चोट करना बहुत मुश्किल काम होता है, और उन्हें शायरी के शब्दों में ढालकर सजाना संवारना उतना आसान नहीं होता, जितनी आम शायरी में है। यह दुर्लभ विधा है जो धीरे- धीरे खत्म होती जा रही है। इस मौके पर डा. साजिद गाजीपुरी, डा.नसीम गाजीपुरी, अख्तर गाजीपुरी , बादशाह राही, अमानुल्लाह रविश गाजीपुरी , हाजी गुलाम मुस्तफा जूही जैसे मशहूर शायर और लेखक ने भी अपने अपने विचार हंटर गाजीपुरी तथा उनके शेरी मजमोया पर रखा। जिन्हे उपस्थित श्रोतागण ने पसंद किया।

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