जरूरत है कि आज इंसानियत का हाथ थामा जाएःनजमुस्साकिब अब्बासी

 जरूरत है कि आज इंसानियत का हाथ थामा जाएःनजमुस्साकिब अब्बासी

—आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम ने अस्पताल चाय-नाश्ता का वितरण किया

गाजीपुर। मानवता और सद्भावना के लिए समर्पित संस्था आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम यूनिट ने शनिवार को जिला महिला चिकित्सालय में मरीजों को खैर-खैरियत पूछते हुए मरीजों, तीमारदारों, अस्पताल स्टॉफ और निजी एम्बुलेंस चालकों में चाय-नाश्ता का वितरण किया। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक नजमुस्साकिब अब्बासी ने कहा कि जरूरत है कि आज इंसानियत का हाथ थामा जाए, उनके दुःख-दर्द को सुना जाए, इसलिए मानवता की सेवा को हमने परम् उद्देश्य बना लिया है। इस तरह के आयोजन हमें एक-दूसरे की तकलीफों और आवश्यकताओं को समझने और उनके निराकरण में अपना हर सम्भव सहयोग प्रदान करने की प्रेरणा देते हैं।

समीर अहमद ने कहा कि मानव समाज की सबसे बड़ी नेमत मानवता है। अगर किसी को यह मिल गई तो वह समाज का सबसे धनी और सुखी व्यक्ति माना जायएगा। अतः हमें चाहिए कि हम हर किसी के दुःख-दर्द में काम आएं। शमशाद अंसारी ने कहा कि फोरम की ओर से देश के विभिन्न राज्यों के सरकारी अस्पतालों में साप्ताहिक फल वितरण, जेल व अन्य स्थानों पर चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, सर्दी में कम्बल वितरण, गर्मियों में निःशुल्क प्याऊ, पौधरोपण, गरीब गांव को गोद लेना, कैरियर गाइडेंस प्रोग्राम, कार्नर मीटिंग, सेमीनार,वृद्धा आश्रम विज़िट, पुस्तक मेला एवं विभिन्न प्रतियोगिता आदि का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।

आबिद हुसैन ने कहा कि हम लोग कई वर्षों से लोगों की सेवा करते आ रहे हैं और हमारी कोशिश रहती है कि जरूरतमंदों तक हमारी सेवाएं पहुंचे और उन्हें खुशी मिले। शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि वर्तमान में जबकि मानवता संकट में है तो जरूरत है कि समाज के मध्य जाकर उनमें मानवता का संचार किया जाए और उनके दुःख-दर्द में शामिल हुआ जाए। कुतुबुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि इंसानियत ऐसा शब्द है, जिसपर समस्त मानव समाज को एकजुट किया जा सकता है, आज समाज में जो विघटन है, उसे दूर करने के लिए मानवता के कार्यों से समाज को जोड़ना ज़रूरी है। उमर अब्बासी ने कहा कि सद्भावना को कामयाबी हासिल करने के लिए मानवता का हाथ थामना होगा।

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