लेखक ही नहीं, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे मुंशी प्रेमचंदःमुक्तेश्वर

 लेखक ही नहीं, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे मुंशी प्रेमचंदःमुक्तेश्वर

—कथा संग्राम की जयंती पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी

गाजीपुर। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में रविवार को सरजू पांडेय पार्क में मनाई गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी एवं माल्यार्पण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह हिंदी साहित्य के महान लेखक ही नहीं, एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे।
उहोंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में मुंशी प्रेमचंद जी ने ब्रिटानी हुकूमत के खिलाफ जमकर कलम चलाई। वह हमेशा समाज में व्याप्त कुरीतियों, कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्ष करते रहे। साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारने वाले लेखक थे। वह अपने लेखनी से सदैव समाज में व्याप्त गैर बराबरी समाप्त कर समतामूलक समाज की स्थापना के लिए संघर्षरत रहे। आज जब देश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है, ऐसे दौर में मुंशी प्रेमचंद जी आज भी प्रासंगिक हो उठे हैं। इस अवसर पर मोहन लाल श्रीवास्तव, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव, शैल श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, अरुण सहाय, डा. सुधीर श्रीवास्तव, आशुतोष श्रीवास्तव, कमल श्रीवास्तव, अमर सिंह राठौर, अश्वनी श्रीवास्तव, अभिनव सिंह, प्यारे मोहन, गौरव श्रीवास्तव, द्वारिका यादव, अवनीश वर्मा, अजय कुमार श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। संचालन जिला महामंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने किया।

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