छात्रों की मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य करना चाहिएःडा. अमरनाथ
रेवतीपुर (गाजीपुर)। बीएसडी पब्लिक स्कूल के सभागार में ”वर्तमान परिवेश में अभिभावक, शिक्षक एवं विद्यालय” की भूमिका विषय पर शैक्षणिक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ राकेश राय ग्राम प्रधान रेवतीपुर के गीत निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूले के सामूहिक गायन से हुआ। इस मौके पर डा. अमरनाथ राय पूर्व प्रवक्ता मनोविज्ञान विभाग महात्मा गांधी सती स्मारक महाविद्यालय गरुआ मकसूदपुर ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों की मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य करना चाहिए। अभिभावकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव सजग रहने एवं विद्यालय से जुड़े रहने की सलाह दी।
डा. आनंद सिंह निदेशक सत्यदेव ग्रुप आफ कलेजेज ने कहा कि अध्यापन से पहले और अधिक बच्चों में जिज्ञासु प्रवृत्ति को पैदा करना अनिवार्य है। डा. श्रीकांत पांडेय पूर्व विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र पीजी कालेज ने वर्तमान शिक्षा पद्धति में सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षकों के अंतर एवं जिम्मदारियों के बोझ को सही दिशा दिए जाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के बीच कवि यशवंत ने अपनी ओजपूर्ण कविता से दर्शकों को तलियां बजाने को विवश किया। कार्यक्रम का समापन करते हुए डा. हरिकेश ने हमारे देश के शिक्षण प्रणाली में भारतीय परम्परा एवं आधुनिक शिक्षा के समायोजन एवं सम्मिश्रण पर जोर दिया। छात्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही उनके नैतिक विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता बताया। अतिथियों का स्वागत विपिन बिहारी राय ने किया। इस अवसर पर रामचन्द्र दुबे, दिग्विजय उपाध्याय, विश्वंभर शर्मा, डा. प्रभाकर त्रिपाठी, ज्ञानेंद्र राय, रणधीर यादव, अनिल राय, मृत्युंजय राय, विजय पाल, भोला नाथ राम, हरेराम पाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता जयप्रकाश नारायण विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति हरिकेश ने किया। अंत में प्रधानाचार्य पंकज राय ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।